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ब्रह्म मुहूर्त के अद्भुत महत्व एवं समय अवधि

Posted By ServDharm

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Posted on February 15 2023

भारतीय  पौराणिक शास्त्रानुसार सनातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का विशेष महत्व है। जिसे आधुनिक विज्ञान ने भी मनुष्य के स्वस्थ जीवन हेतु प्रमाणिक रूप से सत्य माना है। यहाँ  ब्रह्म का अर्थ है ज्ञान से तथा मुहूर्त का अर्थ  प्रातःकाल की समय अवधि से लिया गया है। अर्थात ब्रह्म मुहूर्त, ज्ञान को समझने हेतु अत्यंत उत्तम समय माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, रात्रि के अंतिम प्रहर के उपरांत  एवं सूर्योदय से ठीक पहले का जो समय होता है उसे ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है यह प्रातःकाल के 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक का समय होता है इसे ही  ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। 

 ब्रह्म मुहूर्त के लाभ :-

हमारे पूर्वजों एवं  ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार ब्रह्म मुहूर्त ज्ञान का अनुभव करने हेतु उत्तम समय है। यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करते हैं, तो यह एक दिन में किसी भी अन्य समय की तुलना में 10 गुना अधिक शक्तिशाली है।

  • वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में निंद्रा त्याग से व्यक्ति को सुंदरता, धन-वैभव, स्वास्थ्य, बुद्धि, आयु आदि की प्राप्ति सुनिश्चित होती है। ऐसा करने से व्यक्ति का तन व मन कमल की भाँति प्रफुल्लित हो उठता है।
  • ब्रह्म मुहूर्त  में निंद्रा त्याग कर ध्यान, ज्ञान व शारीरिक क्रिया ,योग, व्यायाम आदि से निम्नलिखित लाभ को प्राप्त किया जा सकता है यह संक्षेप में कुछ इस प्रकार हैं ;
  • रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाना।
  • ऊर्जा के स्तर को बढ़ाना।
  • विटामिन एवं खनिजों के अवशोषण में सुधार करना।
  • एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति में सुधार करना।
  • ज्ञान प्राप्त करना।
  • मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाना।
  • कार्य कुशलता में सुधार करना।
  • आयु बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करना आदि।

अन्य तथ्य जो ब्रह्म मुहूर्त को विशेष महत्त्व प्रदान करते हैं :-  

  • वैज्ञानिक शोधों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में वायुमंडल प्रदूषण रहित होता है। इसी समय वातावरण में ऑक्सीजन (प्राणवायु) की मात्रा सबसे अधिक (41 प्रतिशत) होती है, जो मनुष्यों के फेफड़ों की शुद्धि व मानसिक स्वास्थ हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में चलने वाली वायु को जीव के लिए अमृततुल्य माना गया है। ऐसा माना जाता है की ब्रह्म मुहूर्त में निंद्रात्याग के उपरान्त टहलने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • विद्यार्थियों के लिए यह समय अध्ययन हेतु सर्वोत्तम बताया गया है, क्योंकि रात्रि को  विश्राम करने के उपरान्त प्रातःकाल जब हम उठते हैं तो मन स्थिर व शरीर तथा मस्तिष्क में स्फूर्ति एवं चंचलता रहती है। जिससे इस समय किया गया अध्ययन स्मृति कोष में  सरलता से एकत्र हो जाता है।
  • ध्यान एवं योग करने का सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त है। इससे आपको आत्मनिरीक्षण करने में सहायता मिलती है। ब्रह्म मुहूर्त के दौरान मनुष्य की  जागरूकता का स्तर अपने चरम पर होता है व मन अच्छे विचारों के सागर में तैर रहा होता है  जिससे  आप बिना किसी व्याकुलता के ध्यान कर सकते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में क्या न करें:-

  • नकारात्मक विचारों को मन में न आने दें।
  • ब्रह्म मुहूर्त में भोजन न करें इससे शरीर में अनेक प्रकार के रोगों को प्रवेश करने का द्वार प्राप्त होता है।

 

योगिता गोयल

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