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Vishwakarma Ji Ki Aarti - lyrics In English & Hindi

Posted By ServDharm

• 

Posted on December 05 2021

Lyrics In English

Jai Shri Vishwakarma Prabhu, Jai Shri Vishwakarma,

Sakal Srashti Ke Karata, Rakshak Stuti Dharma.

Aadi Srashti Me Vidhi Ko, Shruti Upadesh Diya,

Jeev Maatra Ka Jag Me, Gyan Vikas Kiya.

Jai Shri Vishwakarma.

 

Dhyan Kiya Jab Prabhu Ka, Sakal Siddhi Aai,

Rishi Angeera Tap Se, Shanti Nahin Pai.

Jai Shri Vishwakarma.

 

Rog Grast Raja Ne, Jab Aashray Leena.

Sankat Mochan Banakar, Door Duhkha Keena.

Jai Shri Vishwakarma.

 

Jab Rathakar Dampati, Tumhari Ter Kari,

Sunakar Deen Prarthana, Vipat Hari Sagari.

Jai Shri Vishwakarma.

 

Ekanan Chaturanan, Panchanan Raje,

Tribhuj Chaturbhuj Dashabhuj, Sakal Roop Saaje.

Jai Shri Vishwakarma.

 

Dhyan Dhare Tab Pad Ka, Sakal Siddhi Aave,

Man Dwuvidha Mit Jave, Atal Shakti Pave.

Jai Shri Vishwakarma.

 

Shri Vishwakarma Ki Aarti, Jo Koi Gaave,

Bhajat Gajanand Swami, Sukh Sampati Pave.

Jai Shri Vishwakarma Prabhu, Jai Shri Vishwakarma,

Sakal Srashti Ke Karata, Rakshak Stuti Dharma.

 

 

हिंदी में लिरिक

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥

आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया ।

जीव मात्र का जग मे, ज्ञान विकास किया ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

 

ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई ।

ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

 

रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना ।

संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

 

जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी ।

सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

 

एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।

त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

 

ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे ।

मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

 

श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई गावे ।

भजत गजानांद स्वामी, सुख संपाति पावे ॥

जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा ।

सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा ॥

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